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Dr.Chirag Thakkar

पित्ताशय की पथरी और आहार

पित्ताशय की पथरी और आहार के बारे में समाज में जानकारी कम देखी जाती है। इस रोग के काफी मरीजों को अपने आहार के बारे में चिंता होती है। इसलिए, इसे और स्पष्टता देने के लिए इसके बारे में थोड़ा बात करते हैं। एक स्वस्थ आहार पित्ताशय की पथरी / दर्द के उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पित्ताशय की पथरी के मरीजों के लिए आहार

पित्ताशय की पथरी के मरीजों के लिए कोई निश्चित आहार नहीं है। क्या इसका मतलब यह है आप कुछ भी खा सकते है ?हरगिज नहीं!  आपके लिए कोई एक स्वस्थ व्यक्ति जैसी ही आहार की सलाह होगी। स्वस्थ भोजन ले। इसका मतलब है की स्वस्थ भोजन खाएँ, इसे समय के अन्तरालमे खाएँ, एक बारमे कम मात्रा मे खाएँ और खूब चबाके खाएँ।

स्वस्थ आहार के भाग के रूप मेँ निम्न भोजन को टालना चाहिए और वे काफी वर्जित है :

  •  तला हुआ भोजन
  • ज्यादा तेल,घी और मखन वाला  भोजन
  • फास्टफूड /जंकफूड  और fizzy (गैस की बुलबुलों से भरा) ड्रिंक्स
  • मीठा
  • रिफाइन्ड चीनी, आटा ,प्रिज़र्वेटिव्स वाला भोजन
  • चाय, कॉफी और शराब

मरीजों को कम चरबीयुक्त भोजन लेने की सामान्य सलाह दी जाती है। इसका स्पष्ट रूप से मतलब है की मरीजों को चरबी से भरे भोजन को टालना है। आप को बहोत कम चरबी वाला आहार लेने की जरूरत नहीं है, एक सामान्य स्वस्थ आहार की आपको जरूरत है।

क्या बिना सर्जरी के कोई विशेष आहार से पित्ताशय की पथरी का इलाज मुमकिन है या इसको पिघलाया जा सकता है? क्या आहार खुद ही पित्ताशय की पथरी का उपचार हो सकता है?

“पित्ताशय की पथरी को नेचरली पिघलाने या निकालने का विशेष आहार” ऑनलाइन आपको ऐसे टाइटल वाले कई सारे आर्टिकल(लेख) मिल जायेंगे। सच बताऊ तो  ऐसा कोई आहार या अन्य तरीका नहीं है जिससे पित्ताशय की पथरी को पिघलाया  सके। एक स्वस्थ व्यक्ति के द्वारा लिया गया स्वस्थ आहार ही पित्ताशय की पथरी को बनते रोक सकता है। किन्तु एकबार ये बन जाए, इसके बाद वे पिघल नहीं सकते।

पित्ताशय की पथरी बनने के विविध कारण

पित्ताशय की पथरी बनने के बहोत सारे कारण और कारक है। इसीलिए स्वस्थ आहार और जीवनशैली होने के बावजूद कुछ मरीजों में पथरी बन सकती है। खास तौर से बढ़ती उम्र के साथ या प्रेग्नन्सी के दौरान होते होर्मोनल तथा मेटाबोलिक बदलाव जैसे कारणों से यह हो सकता है। कई बार बच्चों में कोई असाधारण हिमेटोलॉजिकल (खून के संबंधित) कारण से भी पथरी बन सकती है। और यही कारण है  की क्यों आहार, एक बार बन गई पथरी को पिघला नहीं सकता। समस्या पित्ताशय की अपनी खुद की कार्यशैली में बदलाव की वजह से ही है। अगर हम सर्जरी से पथरी को निकाल दे और पित्ताशय को यु ही शरीर में रहने दे तो, पथरी फिर से बन जाएगी।

चरबीयुक्त भोजन तथा पित्ताशय की पथरी के दर्द की घटना :

अगर आपको पित्ताशय की पथरी की वजह से दर्द तथा उल्टी जैसे लक्षण है तो आपको चरबीयुक्त भोजन से बचने में सख़्ती बरतने की जरूरत है।पित्ताशय की पथरी का दर्द ज्यादातर भारी तथा चरबीयुक्त भोजन करने के बाद होता है। खासतौर से डिनर के १-२ घंटे के बाद होता है। सच कहुँ तो अगर ऐसी परिस्थिति है तो आपको विशिष्ट आहार के बजाय पित्ताशय निकालने की सर्जरी करवाने की जरूरत है।

फिर भी जब तक आप सर्जरी के लिए राह देख रहे हो, तब तक अगर मुझे पित्ताशय की पथरी के दर्द को कम करने के लिए आप को कुछ आहार के सुझाव देने हो तो वे ऐसे होंगे:

  • बहुत सारे फाइबर युक्त भोजन खाएं, जैसे कि साबुत अनाज से तैयार किया खाना, ओट्स, बहुत सारी सब्जियाँ और फल
  • जितना संभव हो अस्वास्थ्यकर और रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट और चीनी कम करें
  • उचित मात्रा में अच्छी चरबी लें जैसे घर का बना मक्खन, घी, मछली का तेल, ऑलिव का तेल
  • बड़ी मात्रा में चरबी और अस्वास्थ्यकर चरबी जैसे तले हुए भोजन, क्रीम के इस्तेमाल से बना डेसर्ट तथा  चॉकलेट  से बचें
  • बहुत सारा बिना सुगर का प्रवाही पीते रहे
  • एक समय में बहुत भोजन न खाएं

पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद का आहार

क्या पित्ताशय निकालने की सर्जरी के बाद आहार में बदलाव की आवश्यकता है?

पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद आवश्यक आहार के बारे में बहुत सारे मिथक(काल्पनिक बातें) हवा में फेलाई गई हैं। यह बहुत व्यापक रूप से माना जाता है कि, पित्ताशय को हटाने से पाचन प्रभावित होता है। इसलिए सर्जरी के बाद आहार को काफी बदलना पड़ता है। लेकिन यह सच्चाई से बहुत दूर है। वास्तव में पित्ताशय को हटाने से पाचन क्रिया में कोई बदलाव नहीं होता है और इसलिए आहार परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होती है। सच में, जो जरूरत है वह एक स्वस्थ सामान्य आहार की है, भारी और चरबीयुक्त भोजन से परहेज रखने की है। यदि पित्ताशय को हटाया नहीं भी जाता है, तो भी इसकी आवश्यकता होती है। और सभी स्वस्थ व्यक्तियों द्वारा आदर्श रूप से इसका पालन किया जाना चाहिए।

वेब स्पेस पर गलत जानकारी

इन्टरनेट पर ऐसा पढ़ना आम है की व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए प्रवाही पर रहना चाहिए। इसके अलावा कि पित्ताशय हटाने की सर्जरी के बाद, आपको सामान्य आहार और गतिविधि पर वापस जाने के लिए एक सप्ताह की आवश्यकता होगी। यह जानकारी सही नहीं है और ज्यादातर  भ्रामक है। इस ब्लॉग का उद्देश्य समाज में सही जानकारी प्रदान करना है।

एक और मिथक आमतौर पर प्रचलित है, कि “पित्ताशय की सर्जरी से पाचन तंत्र  कमजोर बन जाता है”। यह गलतफहमी इस तथ्य से उपजी है कि, पित्ताशय की पथरी वाले बहुत से रोगियों को पाचन संबंधी अन्य समस्याएं भी होती हैं। पित्ताशय की पथरी के साथ देखी जाने वाली कुछ सामान्य समस्याएं हैं, GERD / एसिड रिफ्लक्स / हार्टबर्न, डकार, कब्ज और IBS। और यह रोगी द्वारा माना जाता है कि उनकी सभी पेट की समस्याएं पित्ताशय की पथरी की वजह से हुई हैं। जोकि कई मरीजों के लिए यह सच नहीं है। उपर्युक्त समस्याओं अपने आपमें विशिष्ट उपचार की आवश्यकता वाली  पूरी तरह से अलग-अलग पाचन समस्याएं हैं। और इसीलिए पित्ताशय हटाने की सर्जरी से ये समस्या में कोई सुधार नहीं होगा। गुजरते समय के साथ रोगी को लगेगा कि ये पेट की समस्याएं पित्ताशय को हटाने के कारण हैं।

इस प्रकार अगर आपको पित्ताशय की पथरी की सर्जरी के बाद पेट फुला हुआ लगता है, दस्त, कब्ज या Cramps (ऐंठन) होती है, तो अपनी functional(कार्यात्मक) पाचन समस्याओं को दूर करने के लिए अपने आहार में नीचे बताए गए परिवर्तन करने का प्रयास करें:

  • एक समय में कम मात्रा में खाएं, अपने भोजन की संख्या बढ़ा सकते हैं
  • चॉकलेट और कैफीन से बचें
  • ढेर सारा फाइबर युक्त भोजन लें
  • बहुत मसालेदार, तैलीय और तले हुए भोजन से बचें (जब आपको यह खाना हो, तो मात्रा को सीमित करें)
  • रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ ईसबगुल की थोड़ी मात्रा ले सकते हैं। यह आपके कब्ज और IBS दोनों में मदद करेगा

यदि ये साधारण आहार परिवर्तन आपके लक्षणों में सुधार नहीं करते हैं तो जब भी जरूरत हो, आपको सलाह के लिए फिर से अपने सर्जन से मिलना चाहिए।

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हमारे अनुभव और हमारे मरीज की प्रतिक्रिया:

पित्ताशय की पथरी की  सर्जरी के लिए हमारा केन्द्र एक बेहतरीन केंद्र माना जाता है और हमारे सभी मरीज बिना किसी असुविधा के पहले दिन से ही आहार शुरू करते हैं। निश्चित रूप से, व्यक्ति को शुरुआती कुछ दिनों के लिए एक समय में छोटी मात्रा में खाना पड़ता है। बस इतना ही,कोई अन्य प्रतिबंध नहीं है। और कुछ दिनों में वे वापस सामान्य आहार में आ जाते हैं। जिसका उपयोग वे सर्जरी से पहले करते थे। और पित्ताशय को हटाने के कारण पाचन में कोई बदलाव नहीं होता है।

रोगी को स्वयं सुनें कि पित्ताशय की थैली हटाने की सर्जरी के साढ़े तीन साल बाद वह अपने पाचन के बारे में क्या महसूस करता है।

मरीज को दिए जानेवाली स्पष्ट समज – उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा:

निश्चित रूप से, इसे विस्तार से समझाने की जिम्मेदारी डॉक्टर या सर्जन जो सर्जरी कर रहे हैं, उसकी है। हमें यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि हम अपने सभी रोगियों को व्यक्तिगत रूप से यह सब समझाते हैं। उनके अन्य पाचन संबंधित समस्याओ पर ध्यान  कर, साथ ही उसी का उपचार भी सुझाया गया है। ज्यादातर मामलों में सिर्फ आहार और जीवन शैली में बदलाव,  रेचक (laxative) या एंटासिड(antacid)  के साथ या बिना उपचार किया जाता है। इस प्रकार हम सर्जरी के बाद हमारे रोगियों में उत्कृष्ट कार्यात्मक परिणाम और जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखते हैं। यही कारण है कि हमारे मरीज डॉ.चिराग ठक्कर को पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए सबसे अच्छा डॉक्टर बताते हैं।

हमारे काम पर एक त्वरित नज़र:

एड्रोइट  सेंटर फॉर डाइजेस्टिव एंड ओबेसिटी सर्जरी अहमदाबाद, गुजरात (भारत)  पित्ताशय की पथरी के इलाज और सर्जरी का सबसे अच्छा अस्पताल है। बड़ी संख्या में सफल सर्जरी यहां होती है और मरीजों यहां से सम्पूर्ण संतुष्ट हो कर जाते है।  केंद्र का नेतृत्व डॉ. चिराग ठक्कर कर रहे हैं। वह मरीजों को उनकी समस्याओं और उनके समाधान को समझने के लिए ब्लॉग लिखने में और अपनी विशेषज्ञता के विषयों पर वीडियो बनाने में बहुत सक्रिय हैं। अन्य क्षेत्रों जैसे की  GERD / ACID REFLUX / हार्टबर्न, हर्निया की सर्जरी और हायटस हर्निया, बैरियाट्रिक सर्जरी और वजन घटाने का  मेनेजमेंट में उनकी विशेषज्ञता हैं। Esophageal मैनोमेट्री और  24 hr  pH with Impedance study  जैसी सुविधाओं के लिए यह केन्द्र कुछ गिनेचुने केन्द्रो में से एक  है।

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